Sunday 19 July 2015

सवाल-अल्लाह ने शेतान को क्यों बनाया ..?

आर्य मूर्खओ के बेकार के सवाल का सीधा जवाब शेत्तान को क्यों पैदा किया?असल बात यह है कि शैतान किसी की गुमराही के लिए कोई तर्क या कारण नहीं है बल्कि वह केवल एक बुरे सलाकार की तरह बुरे विचारों और कामों को सुझाव देनेवाला और लुभाने वाला है अतएव उसका यह बयान पूरे का पूरा कुरआन में मौजूद है तनिक ध्यान से सुनिए।जैसी दुनिया में और बहुत-सी बुरी संगतें होती हैं ऐसे ही शैतान भी एक बुरा साथी है इससे अधिक कुछ नहीं। इस बुरी संगत के प्रभाव से बचने के लिए ईश्वर ने एक इलाज बताया है बडा ही शक्तिशाली जो हकीकत में बडा प्रभावी है वह है अल्लाह का जिक्र (गुण-गाण करना) अतएव कुरआनमें इसका भी उल्लेख है--अर्थात ईश्वर के भले बन्दों पर शैतान का कोई दाव नहीं चल सकता। जो लोग अल्लाह के जिक्र में समय गुजारते हैं। और बुरे कामों से बचते हैं शैतान उनका कुछ नहीं बिगाड सकता। हां जो लोग बेहुदा बकवास और बुरी संगत में समय नष्ट करते हैं उन्हीं पर शैतान अपना जोर चला पाता है। अत- शैतान का उदाहरण बिल्कुल विष का सा समझो। जैसा कि ईश्वर ने विष पैदा करके उसका इलाज भी बता दिया है। ऐसा ही शैतान पैदा करके उसका प्रभाव बताकर इलाज (तौबा और रसूल का अनुसरण) बता दिया है। शैतान की विस्तार से बहस की जानकारी के लिए तफसीर सन्नाई भाग1 हाशिया खतमुल्लाह में देखें।हां याद आया कि दुनिया में इस समय करोडों मुसलमान, करोडों ईसाई, बौद्ध, यहूदी आदि कौमें ईश्वर के ज्ञान (वेद) को नहीं मानते बल्कि उसे मूर्ति का स्रोत जानते हैं तो परमेश्वर कैसा विवश है कि इनको सीधा नहीं कर सकता। उसके तेज में कोई फर्क तो है। आखिर किस-किस से बिगाडे और किस किस को पकडे?स्वामी जी! ''जीव आत्मा अपनी इच्छा की मालिक है'' (देखो सत्यार्थ प्रकाश, अध्याय7, नम्बर 48) धार्मिक मामलों में ईश्वर ने छूट दी हुई है जिसका जीचाहे आज्ञा पालक हो जो चाहे न हो,सुनो! कुरआन मजीद बताता है-- ''जो चाहे ईमान लाए और जो चाहे काफिर बने। (सूरह कहफ - 29) और आर्य पिसचो में आपसे पूछता हु की ,, किस आयत से मालूम हुआ कि खुदा को पता नहीं। यदि शैतान के पैदा करने से खुदा बे इल्म साबित होता है तो परमेश्वर ने जैनियों को क्यों पैदा किया? जो आपके कथनानुसार मूर्ति पूजा को आरंभ करने वाले हुए जिनके बारे में सत्यार्थ प्रकाश में आप लिखते हैं- -''मूर्ति-पूजा का जितना झगडा चला है वह सब जैनियों के घर से निकला है और पाखन्डियों की जड़ यही जैन-धर्म है (सत्यार्थ प्रकाश प्रथम, उर्दू एडिशन, पृष्ठ-544, अध्याय 12, नम्बर 119) और सुनिए-- ईश्वर ने सुलतान महमूद( गजनवी औरगाजी महमूद धर्मपाल) को क्यों पैदा किया जिसने आर्यवरत की काया पलट दी और बताइए ईश्वर ने पुरानों के लेखकों को क्यों पैदा किया जिन्होंने (आपके कथनानुसार) सारे पुराण गप्पों से भरकर आर्यवरत को गुमराह कर दिया।और सुनिए..... ईश्वर ने मुसलमान क्यूं बनाए कि वेदिक धर्म का सारा ताना-बाना ही बिखर कर रह गया। , ,.........???????

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