Tuesday, 28 July 2015
बादलों से प्रकाश का निकलना हदीश से साबित .@
बादलो से प्रकाश का निकलना :
सही मुस्लिम की एक हदीस मे नबी ए अकरम
(सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम) ने कयामत का
ज़िक्र फरमाते
हुए इरशाद फरमाया जिसका मफ़हूम है :
""क्या तुमने नहीं देखा की (बादलो से) प्रकाश
(lighting) नीचे आता है और वापस जाता है
केवल एक पलक झपकने के बराबर के समय
मे।""
इस हदीस और प्रकाशिक-ज्योति (lighting
flash) की हाल फ़ीलाल की खोजो मे काफी
गहरी समानताएँ है
विज्ञानिको के अनुसार प्रकाश-ज्योति
(lighting flash) तब निकलती है जब एक
प्रकाश की किरण बादल
(clouds) से निकलकर पृथ्वी की तरफ चलती है
और फिर वापस बादल में चली जाती है।
बिल्कुल उसी तरह जिस तरह हमारे प्यारे नबी
हज़रत मुहम्मद मुस्तुफा (सल्लल्लाहु अलेही
वसल्लम) ने फरमाया। नबी-ए-अकरम
(सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम) ने केवल प्रकाश
की
अवस्थाएँ ही नहीं बताई बल्कि उसका समय भी
बताया की "उसका समय एक पलक झपकने के
बराबर है।
" विज्ञानिको ने माना है की
बादलो से निकलने वाले प्रकाश की कई
अवस्थाएँ होती है जिसमे से प्रमुख अवस्थाएँ
प्रकाश का बादल से निकालना और वापस
बादल मे जाना है। विज्ञानिको के अनुसार एक
प्रकाशिक-ज्योति का समय 25/60 सेकेंड
{25 fraction of 1
second} होता है और ये इतना ही समय है
जितने समय मे मानुष्ये एक बार पलक झपकता
है।
क्या ये उस बात के समान नहीं है जो हमारे
प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तुफा
(सलल्लल्लाहु
अलेही वसल्लम) ने 1400 साल पेहले बता
दिया है ?
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