Tuesday, 28 July 2015

कुरान में विज्ञान पार्ट-13(चमकदार तारा,सीरियस स्टार)

सिरीअस (सियरियस) तारा (लुब्धक तारा) :- सिरीअस तारा आसमान का सबसे चमकदार तारे है जिसे क़ुरान मे "शिअरा" नाम से पुकारा गया है। "और वही शिअरा नाम के तारे का रब है।" (सूरः 53:49) सिरीअस और शिअरा जिसका नाम क़ुरान मे केवल सूरः नज्म की आयत 45 मे लिया गया है का तथ्ये बताने योगये है। क्युकी चक्र यानी ऑरबिट मे असमानता के कारण विज्ञानिको ने इसे बाइनरी स्टार का नाम दिया है। बाइनरी स्टार उन दो तारो को केहते है जिनके अलग-अलग चक्र होते है इसीलिये सिरीअस एक तारा नहीं बल्कि दो तारे है जिन्हे सिरीअस A और सिरीअस B केहते है। सिरीअस B की एक खासियत ये है की वो टेलिस्कोप से भी नहीं देखा जा सकता। क़ुरान की इसी सूरः की 9वी आयत मे इनके चक्र के बारे मे बताया गया है की : "फिर दो कमानो के बराबर और इससे भी कम फ़ासला रह गया।"(सूरः 53:9) ये दोनो सिरीअस एक ऐसी व्यवस्था मे चक्कर काटते है की उनके चक्र एक दूसरे से एक धनुष यानी कमान का आकार बनाते है और जो एक दूसरे तक 49.9 साल मे पहुचते है। इस विज्ञानिक तथ्ये की खोज 20 शताब्दी मे हावर्ड , ओटावा, और लीसेस्टेर की खगोल विज्ञान के विभागो ने की थी। जिसके बारे मे क़ुरान मे 1400 साल पेहले ही बता दिया गया था और ये चमत्कार इन दोनो आयतों को मिलकर पढ़ने पर समझमे आता है। "और वही शिअरा नाम के तारे का रब है।" (सूरः 53:49) "फिर उसका दो कमानो के बराबर और इससे भी कम फ़ासला रह गया।"(सूरः 53:9) इस सिरीअस तारे के बारे मे सूरः अन नज्म मे बताया गया है और अन नज्म का मतलब तारा (star) होता है। और इस सिरीअस के तारे एक दूसरे तक 49.9 सालो मे पहुचते है और इसके बारे मे क़ुरान की सूरः अन नज्म की आयत 49 और 9 मे ही बताया गया है जो की खुद एक चमत्कार है। —

No comments:

Post a Comment