Friday, 24 July 2015
क्या इस्लाम गिरगिट मारने की इजाजत देता हे .?
प्रश्नः18- क्या इसलाम गिरगीट मारने का
आदेश देता है।
उत्तरः
इस बेजुबान जीव ने क्या बिगाड़ा है जो इस्लाम
इसकी हत्या करने की शिक्षा मुस्लिमो को देता
है ?
पहले तो मैं ये गलतफहमी दूर करना चाहता हूँ,
कि नबी
स. ने गिरगिट जो कि अहितकर और विषहीन
सरीसर्प ( reptile )
है, को मारने का हुक्म दिया था.... नहीं भाई ऐसा
नहीं है, नबी
स. ने गिरगिट या छिपकली आदि को मारने का
आदेश नहीं
दिया ।
बल्कि एक विषैले रेगिस्तानी उभयचर जीव
सैलामैन्डर
"Salamander" जो कि छिपकली या गिरगिट
की तरह दिखता
है पर ये सरीसर्प नहीं है, इसे मारने की बात
कुछ हदीस मे है
छिपकली आदि को अरबी मे "अल-ज़ब्बा" कहा
जाता है जबकि
जबकि इस उभयचर सैलामैन्डर को अरबी में
"अल-वज़क" कहा
जाता है, और यही शब्द हदीस मे है
.... इस जीव वज़क की कुछ प्रजातियों की
त्वचा पर
"टेट्रोडोटॉक्सिन" ( tetrodotoxin ) नाम का
तेज जहर पाया
जाता है, जो मनुष्यों की जान के लिए खतरनाक
है
परंतु कोई भी निर्णय लेने से पूर्व हमें मां
आयशा रज़ि. से
सम्बन्धित हदीसो का भी अध्ययन करना चाहिए
जिनमें आप
रज़ि. फरमाती हैं कि नबी स. ने सैलामैन्डर जीव
का जिक्र मेरे
सामने करते हुए बताया कि वो एक बुरा जीव है,
जो गलत काम
करता है, पर मैने नबी स. को इसे मारने का हुक्म
देते नहीं सुना
( सहीह बुखारी, किताब-29, नम्बर-57 , और
किताब-54,
नम्बर-525 )
सिद्ध होता है कि सैलामैन्डर को मारने की
शिक्षा न तो
धार्मिक थी न ही अनिवार्य या पुण्यकारी...
क्योंकि यदि
सैलामैन्डर को मारना एक अनिवार्य धार्मिक
कार्य होता तो
सदा नबी स. के साथ रहने वाली, और धार्मिक
ज्ञान लेने मे बढ़
चढ़ के रुचि लेने वाली अपनी प्रिय पत्नी, हजरत
आएशा
सिद्दीका रज़ि. को नबी स. इस धार्मिक ज्ञान
से कतई वंचित
न रखते.... पर सैलामैन्डर को मारने की बात मां
आएशा रज़ि. को
न मालूम होने से ये स्पष्ट होता है कि
सैलामैन्डर को मारना
अनिवार्य नहीं .....
हां यदि ये जहरीला जीव आक्रामक दिखे , या
घर मे ऐसी जगहों
पर चलता फिरता दिखे जहाँ किसी परिवार के
सदस्य को इसके
द्वारा काटे जाने कि भय हो, तो इस जीव को
मार देना ही
ठीक है !!
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