Sunday, 2 August 2015

इस्लाम को बदनाम करने के लिए फेलाई जा रही हदीश की समीक्षा पार्ट -3(पति पत्नी के बिच सम्बन्ध)

कुछ लोग इस्लाम का अपमान करने के लिए पति पत्नी के बीच नैसर्गिक सम्बन्धो की हदीसो मे चर्चा को तोड़ मरोड़ कर बेहद अश्लील ढंग से वो बातें सबको सुनाते हैं,

जैसे कुछ लोग इण्टरनेट पर कहते मिलते हैं कि सही मुस्लिम किताब 8 हदीस 32443 मे ऐसा लिखा है कि औरतें सदा संभोग के लिए तैयार रहें, जिहादी पति इनसे कभी भी सम्भोग कर सकते हैं..... 

अव्वल तो बात ये है कि मुस्लिम शरीफ़ की किताब आठ मे इस नम्बर की कोई हदीस कहीं है ही नहीं , बल्कि सही मुस्लिम किताब 8, हदीस नम्बर 3240, 3241 और 3242 पर जो अहादीस दर्ज हैं , उनमें बेहद साफ साफ ये ही बात लिखी है कि जब किसी पराई औरत का सौन्दर्य और उकसाने वाली हरकतों को देखकर किसी पुरुष का मन डोलने लगे, उस स्त्री से व्यभिचार के विचार दिल मे आने लगें तो पुरुष को कि कोई भी गलत काम करने से बचते हुए, अपने घर लौट आना चाहिए 
और अपनी पत्नी का संसर्ग कर के मन मे आई व्यभिचार की भावना को पूरा ही खत्म कर डालना चाहिए.... 
तो यहाँ तो पराई स्त्रियों से बचने की एक बेहद अच्छी तालीम दी गई है और सबको अनदेखा कर के केवल अपनी वैध पत्नी से ही यौन सम्बन्ध बनाने की अच्छी बात कही गई है, इन लोगों को उसमें भी बुराई नजर आ गई ?? 

हंसी आती है ये देखकर कि इस्लाम मे विवाह संस्था के अन्दर पति पत्नी के बीच सेक्स का होना तो इन लोगों को अश्लील और आपत्तिजनक दिखता है, लेकिन लिव इन रिलेशन, और सेरोगेसी जैसी चीजों की यही लोग वकालत करते हैं । ..... 
इन लोगों की बातों से तो लगता है कि हमारे समाज मे पति पत्नी भी आपस मे सेक्स के लिए तैयार होने को पाप मानते होंगे, मगर हमारे देश मे लगातार बढ़ते हिंसक बलात्कारो और व्यभिचारो के मामले साफ पता देते हैं, कि यहाँ के लोग कितने शर्मीले और पुण्यात्मा हैं ...!! 

मेरे भाईयों अगर समाज मे पति और पत्नी के बीच वैसी ही ईमानदारी न बनाई जाए जैसी इस्लाम मे सिखाई गई है तो फिर उस समाज मे वैसा ही व्यभिचार और नंगापन फैल जाता है जैसा अमेरिका और योरोप मे फैल चुका है और भारत मे फैल रहा है ॥ 
रही आपकी ये कल्पना कि औरतें सदा सेक्स के लिए तैयार बैठी रहेंगी और मर्द बाहर से आते ही उनसे जानवर की तरह लिपट जाएंगे, तो जनाब ये आपकी कोरी कल्पना है, इस्लाम मे जानवरों की तरह औरत के पास जाने वालों के लिए कोई जगह नही है । 
इस्लाम मे ज़िन्दगी के हर पहलू, यानि चलने बोलने खाने पीने, प्यार करने, दाम्पत्य मे संवाद, यानि हर चीज का सबसे अच्छा सलीका सिखाया गया है ... 
घर आते ही अपनी बीवी पर जानवर की तरह कूद पड़ने वाले कोई और होंगे, .... जिस तरह मुसलमान को ये सिखाया गया कि बेपर्दा पराई स्त्रियों के आमन्त्रण पर भी पुरुष अपनी कामेच्छा पर नियंत्रण रखे, उसी तरह अपने घर मे लौटकर भी सही समय आने तक खुद पर नियंत्रण रखेगा ... 
घर के बाकी सदस्यों से शर्म करेगा, और पत्नी के तैयार होने की प्रतीक्षा भी करेगा । 
नबी सल्ल. ने फरमाया "तुम लोग अपनी बीवियों पर (सम्बन्ध बनाने मे) सीधे जानवरों की तरह मत गिर जाया करो, बल्कि अपनी पत्नी को इस विषय मे पहले किन्हीं माध्यमों से सूचित किया करो ... 
सहाबा ने पूछा किन माध्यमों से ? आप सल्ल. ने मुस्कुरा के फरमाया प्रेम की बातों या चुंबन से " 

उम्मीद है , भाईयों की गलतफहमी दूर हुई होगी ॥ धन्यवाद

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