देखो आत्मा दिखती नही नही कोई उसे महसुस कर सकता ..आत्मा एक प्रोसेस कोड सॉफ्टवेअर की तरह है! जैसे न दिखने वाला वास्तविक वजुद न रखने वाला सॉफ्टवेअर पुरे सिसटेम मशीन आदी को ओपरेट करता है! आत्मा शरीर को ओपरेट करती है ! यानी लाशऊरी तहरिक के तरह है! जैसे सॉफ्टवेअर को खत्म किया जा सकता है वैसे ही आत्मा को भी!
जरा गौर करो मुसलमानो ये आर्य समाजी तूमसे कहते है कि आत्मा अनादी है और परमात्मा यानी जो सबका आत्मा है यानी खुदा भी अनादी है! तो जीवो यानी मखलुक की आत्मा मै तो कोई शक्ति नही अलबत्ता परमात्मा मे शक्ति कहाँ से आयी अगर यह मुमकीन है कि साथ मौजुद अरबो अत्माओ को न ईल्म आया न ताकत सिर्फ एक मे ही क्यो तो यह भी मुमकीन है कि वह एक अपनी शक्ति से बना दे!
अनादी है तो जिसका स्वभाव ही निर्माण का है तो उसका अनादी होना संभव नही अच्छा जब अनादी है आत्मा तो परमात्मा की बात कौई क्यू माने अच्छा वेदो की हालत ही देखो ये कभी हिदायत के लिये कभी फैल नही पाये यही परमात्मा की कमजोरी दिखाई देती है! ये इल्जाम वेदों पर लगना ही है! जबकी जिन ईसाई व ईस्लाम की ये बुराई करते है ! तो परमात्मा ने इन धर्मो को फैलने से रोका नही नही वेदों की हीदायत है! लोगो तक पहुँची नही..
ये है वेदो की हकीकत ये कुरान मे शक पैदा करते है! जबकी इनके अकीदे मे बहुत कमी मौजुद है..
Saturday, 18 July 2015
क्या आत्मा अनादी है?
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