अस्तित्व वास्तव मे है भी या
नहीं, मुस्लिम भाई ये कैसे सिद्ध करेंगे ??
पहली बात तो मै यही कहना चाहता हूँ कि अल्लाह कोई अलग ईश्वर नहीं बल्कि विश्व के हर धर्म के मूल मे बताए गए एक और निराकार ईश्वर का ही नाम है …तो विश्व का जो भी व्यक्ति एक और निराकारईश्वर मे विश्वास करता है वो वास्तव मे अल्लाह पर ही विश्वास करता है! हां, ये बात अलग है कि वो अल्लाह का हक न अदा करता
हो !!
ध्यान देने की बात है कि कुरान का अवतरण एक ऐसे महापुरुष पर हुआ जो न तो पढ़े लिखे थे, न ही पेशे से कोई वैज्ञानिक या चिकित्सक थे इसके बावजूद कुरान मे ऐसी ऐसी विज्ञान की बातें आज से 1400 साल पहले लिख दी गई हैं,जिनको पढ़ के आज भी आधुनिक विज्ञान का ज्ञान रखने वाले अपने दांतो तले अंगुलियां दबा लेते हैं ।
आप ही सोचिए ब्रह्माण्ड के जन्म की बिग बैंग थ्योरी,चन्द्रमा का प्रकाश उसका अपना नही,धरती का आकार वास्तव मे गोल है, पेड़ पौधों मे भी जीवन है, मानव शिशु के जन्म की प्रक्रिया जैसी विज्ञान की जिन बातों का ज्ञान मनुष्य को अब से महज़ डेढ़ दो सौ वर्ष पूर्व ही हो सका है ।
इसके अतिरिक्त आप ये भी जानते होंगे कि विश्व मे ऐसी बहुत सी अनोखी बातें हुई हैं जिनके होने का क्या कारण था, विज्ञान इस पर मौन रहा है … और हार कर दुनिया के
वैज्ञानिकों को मानना ही पड़ा है कि कोई न कोई ऐसी सुपर नेचुरल पावर है , जिसे विज्ञान के द्वारा समझा नहीं जा सकता, और जो विज्ञान से परे होने वाली ऐसी
घटनाओं का कारण है, यही सुपर नेचुरल पावर है अल्लाह और अल्लाह ने कुरान ए पाक मे ऐसी कई चमत्कारी घटनाओं का वर्णन किया है जिनपर विज्ञान मौन है,
को यही सलाह है कि वो दुनिया मे फैले चमत्कारों जैसे बरमूडा त्रिकोण, फिरऔन का अक्षय शरीर आदि के उत्तर ढूंढ कर लाने की कोशिश करें… साथ ही ये भी पता करने की कोशिश करें कि पवित्र कुरान मे विज्ञान की वो बातें कैसे दर्ज कर ली गई थीं जिनका ज्ञान 1400 वर्ष पहले किसी भी मनुष्य को नही था और यदि आप इन सवालों का कोई उत्तर न ढूंढ पाएं तो मान लीजिए कि इन सब बातों के पीछे अल्लाह ही कारण है मुझे तो अपने अल्लाह के अस्तित्व पर पूरी तरह विश्वास है क्योंकि अल्लाह ने कुरान मे वादा किया है कि
“मुझसे दुआ मांगो (एकेश्वर मे पूरा विश्वास रखकर), मै
तुम्हारी दुआ कुबूल करूंगा”
तो मैंने जब भी अल्लाह से पूरे विश्वास के साथ दुआ मांगी मेरी दुआ अक्षरश कुबूल हुई है …. जिन लोगों का भी विश्वास अल्लाह/निराकार ईश्वर के विषय मे डांवाडोल रहता है वो पहले कुरान के प्रमाणो पर शोध कर के ये जान लें कि अल्लाह का अस्तित्व है
फिर केवल एक अल्लाह मे विश्वास करते हुए दुआ मांगे तो जब उनकी दुआएं कुबूल हो जाएंगी तो उन्हें ये विश्वास भी हो जाएगा कि केवल अल्लाह ही पूज्यप्रभू है॥